Notes/Description |
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The Ms Contains - (1) योगशास्त्र ( Chs. 1-4) Of हेमचन्द्र; See Above Nos-1649-1652. It Is Recently Published With The Author'S Own Vritti By The Jaina Dharma Prasarakasabha, Bhavnagar, 1926. (2) वीतरागस्तोत्र Of हेमचन्द्र See Below No. 1820; (3) वीरस्तुति In 5 S'Lokas( मदनदहन ) (4) जीरापल्ली पार्श्र्वनाथस्तव In 44 S'Lokas By महेन्द्रप्रभ ( Be प्रभुं जीरिका.); (5) पार्श्र्वस्तवन In 13 S'Lokas ( Be श्रीवामेयममेय); (6) अजितशान्तिस्तव Of नन्दिषेण; (7) भयहरस्तोत्र Of मानतुङ्ग. (8) शीलापदेशमाला Of जयकीर्ति In 116 Gathas; See Above No. 1663; ( 9 )कुशलानुबन्धि अध्ययन; This Is Another Name Of चतु:शरणप्रकीर्णक, For Which See Above Nos 1452-56: (10) गौतमपृच्छा: (11) जीवविचार; (12) नत्रतत्व; (13) विचारसप्ततिका; (14) ऋषिमण्डलस्तवन Of धर्मघोष; (15) लोकनालद्वात्रिंशिका; (16) विचारसूत्र In 85 Gathas By हेमचन्द्रसूरि, The Head Of The Gaccha (Which ? ) Composed In Sam. 1267. |